अर्थशास्त्र (Economics) में, आगम (Revenue) से तात्पर्य उस कुल राशि (total amount) से है जो कोई फर्म (firm) अपने माल (goods) या सेवाओं (services) की बिक्री से प्राप्त करती है। यह समझने के लिए कि कोई फर्म लाभ (profit) को अधिकतम (maximize) कैसे करती है, हमें तीन मुख्य अवधारणाओं (key concepts) का विश्लेषण करना होगा:
- कुल आगम (Total Revenue – TR) – फर्म द्वारा वस्तुओं या सेवाओं की बिक्री से प्राप्त कुल आय।
- औसत आगम (Average Revenue – AR) – प्रति इकाई (per unit) बेची गई वस्तु या सेवा से प्राप्त आगम (TR को कुल बिक्री मात्रा से विभाजित करने पर प्राप्त होता है)।
- सीमांत आगम (Marginal Revenue – MR) – एक अतिरिक्त इकाई (additional unit) बेचने से आगम में होने वाला परिवर्तन (change in revenue)।
कुल राजस्व (Total Revenue)
परिभाषा (Definition): कुल आगम (Total Revenue) किसी फर्म द्वारा एक निश्चित मात्रा में उत्पाद बेचकर अर्जित कुल आय होती है।
सूत्र (Formula):
जहाँ:
P (Price per unit) = प्रति इकाई मूल्य (रुपए में)
Q (Quantity sold) = बेची गई मात्रा (इकाइयों में)
उदाहरण (Example): अगर कोई फर्म 100 इकाइयाँ (units) ₹50 प्रति इकाई के हिसाब से बेचती है, तो:
(अर्थात, कुल राजस्व ₹5,000 होगा।)
औसत आगम (Average Revenue)
परिभाषा (Definition): प्रति इकाई बेचे गए उत्पाद (output) से प्राप्त आगम (revenue) को औसत आगम (AR) कहते हैं।
सूत्र (Formula): (चूंकि , इसलिए )
पूर्ण प्रतिस्पर्धा (Perfect Competition) में, जहां कीमत स्थिर (constant) रहती है, AR = P होता है।
अपूर्ण प्रतिस्पर्धा (Imperfect Competition) (जैसे एकाधिकार/Monopoly) में, AR उत्पादन बढ़ने पर घटता है क्योंकि अधिक बिक्री के लिए फर्म को कीमत कम करनी पड़ती है।
सीमांत राजस्व (Marginal Revenue – MR)
परिभाषा (Definition): एक अतिरिक्त इकाई (output) बेचने से प्राप्त अतिरिक्त आगम (additional revenue) को सीमांत आगम (MR) कहते हैं।
सूत्र (Formula): (अर्थात, मात्रा में परिवर्तन के साथ कुल आगम में होने वाला बदलाव)
उदाहरण (Example): अगर 101वीं इकाई बेचने से TR से बढ़कर , हो जाता है, तो:
महत्वपूर्ण बिंदु (Key Insight):
पूर्ण प्रतिस्पर्धा (Perfect Competition) में:
MR = P (क्योंकि कीमत स्थिर रहती है)
फर्म जितनी भी मात्रा बेचे, प्रति इकाई आगम समान रहता है।
अपूर्ण प्रतिस्पर्धा (Imperfect Competition) में:
MR < AR (क्योंकि अधिक बिक्री के लिए फर्म को कीमत कम करनी पड़ती है)
कीमत घटने से सभी इकाइयों का आगम प्रभावित होता है।
MR वक्र (curve) AR वक्र से नीचे होता है और आमतौर पर ऋणात्मक (negative) ढलान (slope) वाला होता है।
संक्षेप में:
पूर्ण प्रतिस्पर्धा → MR = P (स्थिर)
अपूर्ण प्रतिस्पर्धा → MR < AR (घटता हुआ)