शोध : अर्थ, उद्देश्य, विशेषताएँ और महत्व

शोध किसे कहते है?

शोध को अंग्रेज़ी में रिसर्च (Research) कहा जाता है। इसका मूल रूप से लैटिन के ‘Re’ अर्थात् दोबारा और ‘Search’ अर्थात् खोजना से बना है। वैज्ञानिक पद्धति द्वारा ज्ञान प्राप्त करने का निरंतर प्रयास ही शोध है। 

शोध किसी भी  क्षेत्र में ज्ञान की खोज करना होता है।  शोध में वैज्ञानिक विधियों के माध्यम से जिज्ञासा का समाधान करने की कोशिश की जाती है। नवीन वस्तुओं की खोज और पुराने वस्तुओं एवं सिद्धांतों का पुनः परीक्षण करना, जिससे की नए तथ्य प्राप्त हो सकें, उसे शोध कहते हैं। सरल अर्थों में शोध उस प्रक्रिया अथवा कार्य का नाम है जिसमें बोधपूर्वक प्रयत्न से तथ्यों का संकलन कर सूक्ष्मग्राही  एवं विवेचक बुद्धि से उसका अवलोकन – विश्लेषण कर नए तथ्यों या सिद्धांतों का पता लगाया जाता है।

शोध एक शैक्षणिक गतिविधि है और इस तरह के शब्द को तकनीकी अर्थ में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। क्लिफ़ोर्ड वूडी के अनुसार, शोध में समस्याओं को परिभाषित व पुनः परिभाषित करना, परिकल्पना तैयार करना या समाधान का सुझाव, समंक(data) एकत्र करना, उसे व्यवस्थित करना एवं उसका मूल्यांकन करना, कटौती करना एवं निष्कर्ष तक पहुँचना और आख़िर में उसका परीक्षण करना की वे दी गई परिकल्पना में फ़िट होते हैं या नहीं, शामिल है। इस प्रकार शोध ज्ञान के मौजूदा भंडार में उसकी उन्नति के लिए एक मूल योगदान है। यह अध्ययन, अवलोकन, तुलना और प्रयोग की सहायता से सत्य की खोज है। संक्षेप में, किसी उद्देश्य के साथ एवं व्यवस्थित तरीक़े से किसी समस्या का समाधान खोजना शोध कहलाता है।

शोध के उद्देश्य

शोध का उद्देश्य वैज्ञानिक प्रक्रियाओं के प्रयोग के माध्यम से प्रश्नों के उत्तर की खोज करना है। मुख्य उद्देश्य उस अज्ञात तथ्य का पता लगना है जो छिपा हुआ है और किसे अभी तक खोजा नहीं गया है। शोध अध्ययन के कुछ सामान्य उद्देश्य निम्नलिखित है :

  • किसी घटना से परिचित होने के लिए या उसमें नई अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए।
  • एक विशेष व्यक्ति, स्थिति या एक समूह की विशेषताओं को सही ढंग से चित्रित करने के लिए। 
  • उस आवृति को निर्धारित करने के लिए किसके साथ कुछ घटित होता है या किसके साथ कुछ और जुड़ा होता है। 
  • चरों के बीच आकस्मिक सम्बंध की परिकल्पना करने के लिए।
  • पुरानी तथा वर्तमान की घटनाओं की स्थिति ज्ञात करना।
  • चुनी हुई घटनाओं के इतिहास तथा परिवर्तनों की स्थिति ज्ञात करना।
  • उन घटनाओं का अन्य सम्बंधित घटनाओं से सह – सम्बंध ज्ञात करना। 

शोध की विशेषताएँ

  • शोध एक तर्कपूर्ण तथा वस्तुनिष्ठ प्रक्रिया है। इससे प्राप्त निष्कर्ष तार्किक तथा वास्तविक आँकड़ो पर आधारित होते है तथा व्यक्तिगत पक्षपात से मुक्त होते हैं। 
  • शोध द्वारा किसी नए तथ्य, सिधांत, विधि या वस्तु की खोज की जाती है अथवा किसी प्राचीन तथ्य, सिधांत, विधि या वस्तु को परिवर्तित किया जाता है। 
  • यह एक उद्देश्यपूर्ण बौधिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी सैधान्तिक अथवा व्यवहारिक समस्या का समाधान किया जाता है तथा इन समस्याओं के समाधान हेतु विशिष्ट उपकरणों तथा क्रियाओं का प्रयोग किया जाता है। 
  • इस प्रक्रिया में आँकड़ो से जानकारी एकत्रित की जाती है जो प्राथमिक अथवा माध्यमिक स्रोतों से एकत्र किए जाते हैं। 
  • आँकड़ो के संग्रहण के उपरांत इनका विश्लेषण किया जाता है जिसके लिए कई परिकल्पनाओं का निर्माण एवं परीक्षण किया जाता है।
  • आँकड़ों के विश्लेषण में सांख़िकिय विधियों का प्रयोग किया जाता है जो आँकड़ों कि प्रवृति तथा चयनित प्रतिदर्श पर निर्भर करती है।
  • शोध द्वारा प्रदत्त ज्ञान सत्यापित होता है क्यूँकि किया गया विश्लेषण नियंत्रित तथा वस्तुनिष्ठ होता है।
  • शोध कार्य हेतु वैज्ञानिक अभिकल्पों का प्रयोग किया जाता है।
  • आँकड़ों को प्राप्त करने के लिए वैश्वशनिय तथा वैध उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।
  • शोध से प्राप्त परिणामों तथा संबंधो की प्रवृति की जाती है जिससे सदैव सुनिश्चित तथा सुसंगत निष्कर्ष उपलब्ध हो सके।
  • शोध से प्राप्त ज्ञान परिशुध, वैद्य तथा विश्वसनीय रहता है।
  • प्राप्त जानकारी का अभिलेखन तथा प्रतिवेदन सावधानीपूर्वक किया जाता है जिससे उस क्षेत्र के आगामी अनुसंधानों हेतु वह सहज रूप से भविष्य में उपलब्ध हो सके। शोध के परिणामों का प्रकाशन इस दृष्टि से उत्तम रहता है। 

शोध का महत्व

  • शोध हमारे ज्ञान का विस्तार करता है। 
  • मानव समाज की समस्याओं के हल का रास्ता सुझाता है। 
  • शोध से तार्किक और समीक्षा की दृष्टि मिलती है।
  • शोध के बिना ज्ञान और विकास में वृद्धि सम्भव नहीं।
  • शोध बदलती परिस्थितियों में तथ्यों की व्याख्या और पुनर्व्याख्या सिखाता है। 
  • शोध कई पूर्वाग्रहों के निदान एवं निवारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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